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आईनों से रहित कमरा / मुत्तुलक्ष्मी
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जहां भी जिस तरफ भी मुड़े
सामने से आनेवाले लोगों के अंदर
अपने ही सरिस कोई तत्व देखने से
मन में उठे भय के कारण
मेरा दुबका कोई स्थान
आईनों से रहित कमरा
'फलां ही है' कहकर
पहचान कराने वाले
आईने से रहित कमरा
सदा की तरह् नहीं हूं
किसी की तरह् नहीं हूं
ना, ना, यो
अपने भीतर बुदबुदाते
मंत्रों से पूरित कमरा
सदा की तरह की किसी चीज को
नकारते हुए
बदलते हुए
सजाया गया कमरा
कभी प्रवेश करने वाले व्यक्ति से
कहती रहती हूं
आईनों से रहित
बदली हुई सजावट वाला है
मेरा यह कमरा
वही मैं बोल रही हूं
और
सुन रही हूं वही मैं|
अनुवाद- डॉ. एच. बालसुब्रहमण्यम