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पागल आंखों वाली लड़की / मोहसिन नक़वी
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पागल आँखों वाली लड़की
इतने मँहगे ख़्वाब ना देखो
थक जाओगी
कांच से नाज़ुक ख़्वाब तुम्हारे
टूट गए तो पछताओगी
तुम क्या जानो...!
ख़्वाब... सफ़र की धूप के तीशे
ख़्वाब... अधोरी रात का दोज़ख़
ख़्वाब... ख़यालों का पछतावा
ख़्वाबों का हासिल तन्हाई
मँहगे ख़्वाब खरीदना हों तो
आँखें बेचना पड़ती हैं
रिश्ते भूलना पड़ते हैं
अंदेशों की रेत ना फानको
ख़्वाबों की ओट सराब ना देखो
प्यास ना देखो
इतने मँहगे ख़्वाब ना देखो
थक जाओगी