भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शरशय्या / बुद्धिधारी सिंह 'रमाकर'

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:33, 19 फ़रवरी 2014 का अवतरण (दोसर सर्ग)

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शरशय्या
General Book.png
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार बुद्धिधारी सिंह 'रमाकर'
प्रकाशक
वर्ष
भाषा
विषय
विधा
पृष्ठ
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

पहिल सर्ग

(मंगलाचरण)

(भीष्म प्रतिज्ञा)

दोसर सर्ग

(भीष्मक पिताक वृत्तान्त)

(राज्याधिकार)

(राज्यग्रहणक आग्रह तथा त्याग)

(कोरव-पाण्डव)

(युद्ध)

(कृष्णक प्रतिज्ञा भंग)

(संध्याकालमे विशिष्ट पुरुषक आगमन)

तेसर सर्ग