भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

उधोराम ‘झखमार’ / परिचय

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:32, 21 अक्टूबर 2016 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्रारम्भ में ये स्कूल शिक्षक थे बाद में दर्जी का कार्य करने लगे। इनकी रचनाओं में मोर रेडियो बइहा होगे, गँवइया हीरो, कौमी एकता, भूत पुरान इत्यादि हैं। झखमार जी सर्वहारा वर्ग के कवि थे। हास्य कविताओं के सृजन में इनका नाम कोदूराम दलित के बाद आता है।