भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कार / सरकार / शैल चतुर्वेदी
Kavita Kosh से
नये-नये मंत्री ने
अपने ड्राईवर से कहा-
- "आज कार हम चलायेंगे।"
ड्राईवर बोला-
- "हम उतर जायेंगे
- हुज़ूर! चलाकर तो देखिये
- आपकी आत्मा हिल जायेगी
- ये कार है सरकार नही, जो
- भगवान भरोसे चल जायेगी।"