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इज़्ज़तपुरम्-52 / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
बिल्कुल
है नया माल
अभागिन
बेचकर रेवड़ियाँ
भरती थी पेट
पॉच हजार में
लिया पटा
उन दरिन्दों को
उड़ा लिया थे
जो उसे ट्रेन से
‘गुलाबबाई़’
उसका रखा है नाम
अम्मी ने बताया
बहराइची के बापू को
गुलाबी कयामत से
ठंडी सड़क
होगी फिर
गरमागरम और ताजा