भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कमाइ दिहलस पपुआ / हरेश्वर राय
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:28, 12 मार्च 2019 का अवतरण
पढ़ि लिखि के का कइल
भईया पढ़वईया,
कमाइ दिहलस पपुआ
खाँचा भर रुपईया I
मंत्री बिधायकजी के
खास भइल बड़ुए,
गऊआँ के लफुअन के
बॉस भइल बड़ुए,
आ मुखियाजी के काँख के
भइल बा अँठईया I
मुंशी पटवारीजी के
करेला दलाली,
मुँहवा में पान लेके
करेला जुगाली,
आ भोरहिं से लाग जाला
फाँसे में चिरईयाँ I
हिंदी-अंगरेजी
भोजपुरी बोलि लेला,
बनब त बन हरेसर
ओकर पकवा चेला,
पढ़ल लिखल छोड़छाड़ के
बन जा पप्पू भईया I