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देश को हिसाब चाहिए / मृदुला झा
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क्या किया जवाब चाहिए।
बेटियों का शील बेचकरए
आप को कबाब चाहिएघ्
जुल्म का न खौफ हो जहांए
वह वतन जनाब चाहिए।
देश पर मिटे हैं जोए उन्हें
वीर का खिताब चाहिए।
जुल्म के पुराने हर्फ को
अब नई किताब चाहिए।