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ताज के बचाव का सवाल है / मृदुला झा

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काम यह जनाब बंेमिसाल है।

हो रहा सवाल पर बवाल क्यों,
कौन कर रहा यही मलाल है।

कत्ल की जगह कोई निशां नहीं,
ये तो तेरे हुस्न का कमाल है।

धर्म तो है सब दिलों को जोड़ना,
मेरा अपना तो यही ख़याल है।

ले चलेंगे वो कहाँ पता नहीं,
राहबर ही बन गया दलाल है।