भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दु:स्वप्न भी आते हैं / अष्टभुजा शुक्ल
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:58, 4 अगस्त 2014 का अवतरण
दु:स्वप्न भी आते हैं
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | अष्टभुजा शुक्ल |
---|---|
प्रकाशक | राजकमल प्रकाशन, दिल्ली-110002 |
वर्ष | 2004 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- साफ़-साफ़ / अष्टभुजा शुक्ल
- मृत्यु / अष्टभुजा शुक्ल
- सहमति / अष्टभुजा शुक्ल
- इतिहासबोध / अष्टभुजा शुक्ल
- आत्मकथा / अष्टभुजा शुक्ल
- पीपल का पत्ता / अष्टभुजा शुक्ल
- फूटना तो / अष्टभुजा शुक्ल
- रहूंगा / अष्टभुजा शुक्ल
- जलते हुए घर से / अष्टभुजा शुक्ल
- पाँच रुपए का सिक्का / अष्टभुजा शुक्ल
- सहोदर / अष्टभुजा शुक्ल
- तीन रुपए किलो / अष्टभुजा शुक्ल
- किसी साइकिल सवार का एक असंतुलित बयान / अष्टभुजा शुक्ल
- जो हूँ, सो हूँ / अष्टभुजा शुक्ल
- यह बनारस है / अष्टभुजा शुक्ल
- कक्षोन्नति / अष्टभुजा शुक्ल
- भारत घोड़े पर सवार है / अष्टभुजा शुक्ल
- आज की तारीख / अष्टभुजा शुक्ल
- आजकल / अष्टभुजा शुक्ल
- कोई नदी / अष्टभुजा शुक्ल
- जो आदमी होंगे / अष्टभुजा शुक्ल
- स्विच / अष्टभुजा शुक्ल
- जलते हुए घर से / अष्टभुजा शुक्ल
- स्वप्न में / अष्टभुजा शुक्ल
- दु:स्वप्न भी आते हैं (कविता) / अष्टभुजा शुक्ल