भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अंतस री पीड़ / ओम पुरोहित कागद
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:06, 5 सितम्बर 2011 का अवतरण
जेठ-असाढ री
लू में बळतो
झळतो थार
कोरै
पाणी रा चितराम
जाणो
समझो
अंतस री पीड़
बादळ !