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दोगला / शिवराज भारतीय

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आपां
कित्ता दोगला हां
परपूठ वांनै
चोर बतावां
गुंडां रा सिरमौर बतावां
चालू रिस्वतखोर बतावां
भ्रस्टाचारी घोर बतावां
पण सामै मिलता
धोक लगावां
पगचंपी
अर हाथाजोड़ी
मुं‘डो जोवां गिरगिरावां
उद्घाटण-चाटण-भासण में
वांनै सैंस्यूं आगै राखां
वांसू ही फीतो कटवावां
मोटै मंचां
आप बिठावां
भासण में ताळी पिटवावां
सच्ची,
आपा कित्ता दोगला हां।