Last modified on 26 अक्टूबर 2010, at 19:27

मेरा आधार खम्भ / केदारनाथ अग्रवाल

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:27, 26 अक्टूबर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मेरा आधार खंभ
जमीन में गड़ा है
सिर उठाए
ऊपर, खड़ा है

मेरे हाथ
उसके अस्तित्व से निकले
दिशाओं में काम कर रहे हैं
इस समय
यथार्थ की गाँठ खोल रहे हैं

मैं हूँ
नवीन के निर्माण में लीन
जमीन मेरी है
आकाश मेरा है
मेरा आधार खंभ
मेरा, पुरुष है

रचनाकाल: १४-०९-१९६५