भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सिवाय उस अनंत के / केदारनाथ अग्रवाल

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:30, 1 नवम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


कटोरियाँ
न कटोरियाँ हैं
न हम हैं हम
सिवाय उस अनंत के
अरूप के
अनाम के
निर्गुण के।

रचनाकाल: १३-१२-१९६७