भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
राम नाम ! / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:27, 25 नवम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह=लीलटांस / कन्हैया ल…)
सोनै रो पींजरो
मखमल री खोली
रतन बाटकां में
दाड़म‘र दाख
सिखावै सूवटै नै
बोल मिट्ठू
राधेस्याम
सामूंसाम
गळी में बैठो
भूखो सूरदास
छोड़ दिया पिराण
रट रट‘र नाम !