भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गीतावली / तुलसीदास
Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:36, 25 मई 2011 का अवतरण
गीतावली के इस संस्करण में वर्तनी (Spellings) की त्रुटियाँ होने का अनुमान है। अत: इसे प्रूफ़ रीडिंग की आवश्यकता है। यदि आप कोई त्रुटि पाते हैं तो कृपया गीता प्रेस को मानक मान कर उसे संपादित कर दें। गीताप्रेस की साइट का पता है http://www.gitapress.org |
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | तुलसीदास |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | अवधी |
विषय | श्रीराम की जीवनकथा |
विधा | छंद |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध | हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है। |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
भाग-1 बाल काण्ड
- गीतावली / तुलसीदास / पृष्ठ 1
- गीतावली / तुलसीदास / पृष्ठ 2
- गीतावली / तुलसीदास / पृष्ठ 3
- गीतावली / तुलसीदास / पृष्ठ 4
- गीतावली / तुलसीदास / पृष्ठ 5
- गीतावली / तुलसीदास / पृष्ठ 6
भाग-2 अयोध्या काण्ड
भाग-3 अरण्य काण्ड
भाग-4 किष्किन्धा काण्ड
भाग-5 सुन्दर काण्ड
भाग-6 लंका काण्ड
भाग-7 उत्तर काण्ड
विश्र्वामित्रजी का आगमन
- चहत महामुनि जाग जयो / तुलसीदास
- आजु सकल सुकृत फलु पाइहौं / तुलसीदास
- देखि मुनि! रावरे पद आज / तुलसीदास
- राजन! राम-लषन जो दीजै / तुलसीदास
- रहे ठगिसे नृपति सुनि मुनिबरके बयन / तुलसीदास
- ऋषि सँग हरषि चले दोउ भाई / तुलसीदास
- दोउ राजसुवन राजत मुनिके सङ्ग / तुलसीदास
- मुनि के सङ्ग बिराजत बीर / तुलसीदास
- सोहत मग मुनि सँग दोउ भाई / तुलसीदास
- मञ्जुल मङ्गलमय नृप-ढोटा / तुलसीदास
अहल्योद्धार
- रामपद-पदुम-पराग परी / तुलसीदास
- परत पद-पङ्कज ऋषि-रवनी / तुलसीदास
- भूरिभाग-भाजनु भई / तुलसीदास
- कौसिकके मखके रखवारे / तुलसीदास
जनकपुर-प्रवेश
- आये सुनि कौसिक जनक हरषाने हैं / तुलसीदास
- कोसलरायके कुअँरोटा / तुलसीदास
- ये अवधेसके सुत दोऊ / तुलसीदास
- बूझत जनक नाथ, ढोटा दोउ काके हैं? / तुलसीदास
- ए कौन कहाँतें आए? / तुलसीदास
- कौसिक कृपालहूको पुलकित तनु भौ / तुलसीदास
- चार्यो भले बेटा देव दसरथ रायके / तुलसीदास
- ये दोऊ दसरथके बारे / तुलसीदास
- जनक बिलोकि बार-बार रघुबरको / तुलसीदास
- रङ्ग-भूमि भोरे ही जाइकै / तुलसीदास
पुष्पवाटिका में
रङ्गभूमि में