भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
शृंगार-लतिका / द्विज/ पृष्ठ 1
Kavita Kosh से
Himanshu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:26, 28 जून 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=द्विज }} आज सुख सोवत सलौनी सजी सेज पैं / द्विज [[ग…)
आज सुख सोवत सलौनी सजी सेज पैं / द्विज गुंजरन लागीं भौंर-भीरैं केलि-कुंजन मैं / द्विज मेल्यौ उर आँनद अपार मैन सोवत हीं / द्विज सुर ही के भार सूधे-सबद सु कीरन के / द्विज हौरैं-हौंरैं डोलतीं सुगंध-सनीं डारन तैं / द्विज संभ्रम अति उर मैं बढ़्यौ / द्विज सौंधे समीरन कौ सरदार / द्विज सुनत सलौनी बात यह / द्विज लटपटी पाग सिर साजत उनींदे अंग / द्विज सीतल-समीर मंद हरत मरंद-बुंद / द्विज