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सदस्य:महावीर जोशी पूलासर

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क्यु जी सोरो करै, दुसरा गै घर री बाता सुण गै, जकी बी घर मॆ हॊवण लागरी है बा ही तॊ तॆरॆ घर मॆ हॊवॆ, तु भीत रै चिप्यॊरॊ इनै, बॊ ही तॊ बिनॆ चिप्यॊडॊ खड्यॊ है, क्यु नी सॊचै तु कै ..भीता कै भी कान हॊवॆ, आज तु सुणसी काल बॊ तॆरी सुणसी, क्यु सरमा मरै, मॊरीयॊ पगा कानी दॆख गॆ रॊवै ,