भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हाइकु / अज्ञेय
Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:19, 18 अप्रैल 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अज्ञेय |संग्रह= }}{{KKCatHaiku}} <poem> '''याद''' (1) ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
याद
(1)
कैसे कहूँ की
किसकी याद आई?
चाहे तड़पा गई।
(2)
याद उमस
एकाएक घिरे बादल में
कौंध जगमगा गई।
(3)
भोर की प्रथम किरण फीकी :
अनजाने जागी हो
याद किसी की--