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रुपगर्विता / रामकृष्ण वर्मा 'बलवीर'
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मेरी बहियाँ बतावे ‘बलविरवा’ सरोजवा, त हरवा गरवा में कि न देत।
जब मुँहवाँ कहेला मोर चँदवा सरिस, कहु चँदवे निरखि कि न लेत।।