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थारी गाथा / अर्जुनदेव चारण

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काया बांधण नै लाया
कांकण डोरड़ा
मन बांधण नै लाया
थारै मौड़
म्हे
थनै लेवण नै नीं आया हा मां
लेवण नै आया
मूंघौ दायजौ
बरी-बेस
एक पगरखी

थारी गाथा
मौड़ सूं पगरखी तांई
पसरियोड़ी है