फूटग्यो घड़ो
बुझग्यो दीयो
सपकैण जाता रया
जळ‘र अगन,
झरग्यो फूल
टूटग्यो सपनूं
छोड‘र कोनी गया
मैक‘र मन !
फूटग्यो घड़ो
बुझग्यो दीयो
सपकैण जाता रया
जळ‘र अगन,
झरग्यो फूल
टूटग्यो सपनूं
छोड‘र कोनी गया
मैक‘र मन !