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होड / श्याम महर्षि

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खेत मांय
सूड़ करता
करसा री गंडासी
इयां बाजै
जियां
बाजता हुवै
साज,
मन मोदीजै
वां रो
कातीसरै री कल्पना सूं।

गांव रै आथूण
लीलकी खैण माथै
सब्बल अर हथौड़ रै
जोर सूं
हिचकै मिनख
अर जुगाड़ करै
उग्यै-आंथण री दरकार री

गांव रै बीचूं बीच
बणती, रूघै बाणियै री हेली।

कारज करतै चैजारी री
करणी/पळका मारै
उगतै सूरज रै चानणै सूं
अर चैजारौ/होड करै
बाणियै रै/रूपियां री चमक सूं
पण रूपिया अर करणी री
छैती बधती जायरैयी है
लगोलग !