भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
औघड़ / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:36, 8 जुलाई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह=क-क्को कोड रो / कन्ह…)
कोनी बगत रै
आँख
पण फिरै रूळतो
पकड्यां
डीकरी पून री आंगळी
दुऐ
धरती रै गोवणिंयैं में
रात री भैंस रो दूध दिन
सेकै
तारां री भोभर में
चांद री बाटी
धरै आभै री थाळ में
सूरज री इडली
छमकै समदर रो
सलूणो रायतो
गिटै गासियां सागै
आखी जीवा जूण
ईं सिंग्याहीण नै
भोळो मिनख कवै हूण ?