भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बघेली लोकगीत
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:21, 16 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokGeetBhaashaSoochi}} * कारै पिअर घुनघुनवा * माघै केरी दु...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
- कारै पिअर घुनघुनवा
- माघै केरी दुइजिया तौ
- बिछुवा तौ बाजइ रून झुन
- लौंग मिरिच केर बिरवा
- जौने दिना राम जनमे में हैं
- बनवा मां बैठी है सिता
- मचियन बैठीं सुभद्रा
- गुलाब कैसेन फूल हमें
- ऊपर बदरा घहरायं रे
- लाल मोरी गगरी उतारा
- झलरिया मोरी उलरू झलरिया
- ऊंच ओसरवा नवा घर
- हरे-हरे पर्वत सुअना नेउत
- मोतिया का बिरझै दुलेरूआ
- का देखि मछरी लोरिया करत है
- पान का पठयों दुलहे दुलेरूआ
- बेगि करा तैयार बनरा
- बनरा के सिर सेहरा
- आजु बना हैं बनरी के नगर मा
- राजा बना बेगि चले आवा
- बखरी तो भली बनवाया
- कउन सिंह की थेरिया
- एक अमरहियां एक आमा
- काहे का सेयों हरदी का बिरवा
- जैसे सेघौरी मां सेन्दुर
- चिरई रे सोबई चुनगुन रे
- सिकिया कै डड़िया सजावा
- ऊंची टिकुरिया सोहगिया के बगिया
- कउन दिशा से ओनई बदरिया
- पाँच बधनवा कै टटिया बंधावा हो
- मथुरा मा लागी एक बजरिया
- आंचर छोरि अंटारी मां चढ़ि
- अंगने मोरे नीम लहरिया लेय
- काटे कुटे पान लयाये
- कहना रे सोन उपजै
- पहिली भंवरि फिरि आयउं बाबा
- जौ रे हथिनिया मां हउदा कसा है
- लाला खोला-खोला केमरिया हो
- उतरत सावन लागत भादौं
- बना सोवइं अंटारी लगावा सखी
- कउन रंग मुंगवा कउन रंग मोतिया
- बरा तरी झूलनि मैं गयउं
- उड़ि जातिउ सोना चिरैया
- लै ले चहचिन्दा दै दे जवा
- डोरी डार दे महल चढ़ि आवै
- धनि शिव बाबा मुरति तोरि
- ऊंची अटारी का बैठक हो
- ये केरा के पात सुहावन
- ये चन्दा बरन उजियारी
- महाराजा हो खोला केमार
- कोउ सखिया रसिया देअ हो बताय
- गोकुल मां बूड़े कन्हैया
- गलता कै लहंगा रेशम की डोर
- गोविन्दगढ़ का अजब तलावा
- बनि आये बनवारी बैदराज
- दधि मथत जसोदा झूमि झूमि
- दाबे दौरिया जातीं हो नदिया
- फाग रचै बनवारी हो ब्रज मां
- अरि ये हां राम लंकै गे
- नई आई नारि खेलइ होरी
- ऊंच चउरवा चौखुट बाबा
- भइसासुर की अमिली रे
- सात बहिनिया है देविया शारदा
- एतनी देर तोही सुमिर्यों शारदा
- राजा करन एक दानी रे उपजा
- दइ टटिया निकरि चला हो
- अरे लम्बे देशवा महराज हो
- चलना-चलना सब कोउ कहैं हो
- एक पेड़ काशी मा जामा हो
- झुलनिया तौ गौरा के सोहै हौ
- ससुर घर नीका लागै हो
- दरश की तौ बेरा भई हो
- खबर मोरी लेतै रह्या हो
- शैला मा शैला जुरै ना
- सावन लागो रे मन भावन
- तेल लगावै नरिआर का
- सुरति रहे तो सुअना ले गा
- बइकल भये कन्हैया हर गे ज्ञान तुम्हार
- निदरिया तोही बेची जो
- सोवत नींद उचिट गै
- हरिअर पात करौदा हरी
- आवत दिख्यों दूरि से
- ऊंची अटारी बरें दिअना
- खैरा सुपारी लौंग कारी
- अरे पीपर पात सहज डोलै
- ऊंची टिकुरिया मां लागी बजार
- अरे कच्ची सुपारी मां
- अरे उअत जोन्हैया बुड़त शुकवा
- अरे आवइंकहिन ते सावन मा
- जोगिनि लट धोइ डारा हो
- अंटरियै चढ़ि चला हो दरवाजा
- नई आयी गोलिनिया दधि
- मछरिया साबुन लै गै धोबिया
- नजरिया जोरे जुरै चित फोरे
- कटारिया दै देत्या हो
- अरे कुंअना तौ संतन की
- कुंअना पै पानी भरै लिलिया वाली
- नम्बू लगायो चहकने का
- संमला मोरी गली व्है के आव
- लपकि कै मारौ गुलेल तोरे पागा
- सच्ची बोली बोल्या बघेले के मैना
- मालिनि तोरी चाल सालैइ करेजा मोरे
- बहियन मा गनेश जिभियन मां
- घट छोड़ दे तिलंगवा भरौ गगरी
- कमल नयन जबसे गये
- बाल सोना तोहि मैं पालेउं
- पनही पहिरि चमाचम चन्दा
- भैसी निकरी भंवरकली से
- जोहार-जोहार गंगा
- सदाभवानी दाहिनी
- भइउं न ब्रज केर मोरा
- मैं खेरे कै दुबिया मोरे साजन
- साजन केर अवन्ती सुनि कै
- सुन्दर फूल गुलाब का रे
- साजा सिहाती मैं रहेउं मोरे लालन