भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
छोड़ मुझे, वापिस कर दे मुझे / ओसिप मंदेलश्ताम
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:40, 15 अक्टूबर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=ओसिप मंदेलश्ताम |संग्रह=तेरे क़दमों का संगीत / ओसिप ...)
|
छोड़ मुझे
वापिस कर दे मुझे, वरोनिझ !
तू मुझे गिरा देगा
या खो देगा
या मुझे कोई चुरा लेगा
या अन्तत:
तू मुझे लौटा ही देगा
वरोनिझ, तू कौन है
एक भ्रम है
वरोनिझ, तू नोझ है
वरोन है
वरोनिझ=रूस का एक नगर जहाँ कवि को 1934 में उसक कविताओं के कारण सरकार ने तीन वर्षों के लिए निर्वासित कर दिया था ।
नोझ=चाकू (रूसी भाषा का शब्द है)
वरोन=कौआ (रूसी भाषा का शब्द है)
(रचनाकाल : अप्रैल 1935)