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तेरी आँखि / गणेश खुगसाल गणी
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♦ रचनाकार: गणेश खुगसाल गणी
तेरी आँखि
आँख्यूँ मा पाणि
पाणि मा छाया
तै छाया मा माया
माया म गाणि
गाण्यूँ मा स्याणि
स्याण्यू मा सुपिन्या
सुपिन्यो मा बाँद
बाँद म स्वाणि
स्वाणि बि आंख्यूल
आँख्यूँ मा पाणि।