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आरती / 2 / भिखारी ठाकुर
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प्रसंग:
भगवान शिव की आरती में कामना की गई है कि वे मृत्यु भय को समान कर दें।
तेबड़ा
करऽ शिव मम हृदय मँह बास।
जइसे भानु चन्द्र मँह तारा सहित निवास॥
ताल मँह जिमि कमल खिलत पाय सूर्य-प्रकाश।
गौरी गणपति सहित शंकर रहत जिमि कैलाश।
कहे ‘भिखारी’ रहत मोहिको, यम के निशि-दिन त्रास। कर शिव मम हृदय मँह बास॥