भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
देश को हिसाब चाहिए / मृदुला झा
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:38, 27 अप्रैल 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मृदुला झा |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatGhazal...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
क्या किया जवाब चाहिए।
बेटियों का शील बेचकरए
आप को कबाब चाहिएघ्
जुल्म का न खौफ हो जहांए
वह वतन जनाब चाहिए।
देश पर मिटे हैं जोए उन्हें
वीर का खिताब चाहिए।
जुल्म के पुराने हर्फ को
अब नई किताब चाहिए।