भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गजानन माधव मुक्तिबोध
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:47, 22 अक्टूबर 2019 का अवतरण (→कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ)
गजानन माधव मुक्तिबोध
www.kavitakosh.org/muktibodh
www.kavitakosh.org/muktibodh
जन्म | 13 नवम्बर 1917 |
---|---|
निधन | 11 सितम्बर 1964 |
उपनाम | मुक्तिबोध |
जन्म स्थान | श्योपुर, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
चांद का मुँह टेढ़ा है, भूरी भूरी खाक धूल (कविता संग्रह), काठ का सपना, विपात्र, सतह से उठता आदमी (कहानी संग्रह), कामायनी:एक पुनर्विचार, नयी कविता का आत्मसंघर्ष, नये साहित्य का सौन्दर्यशास्त्र(आखिर रचना क्यों), समीक्षा की समस्याएँ, एक साहित्यिक की डायरी (आलोचनात्मक कृतियाँ) एवं भारत:इतिहास और संस्कृति। | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
गजानन माधव मुक्तिबोध / परिचय | |
कविता कोश पता | |
www.kavitakosh.org/muktibodh |
कविता संग्रह
लम्बी कविताएँ
- अंधेरे में / गजानन माधव मुक्तिबोध
- एक अंतर्कथा / गजानन माधव मुक्तिबोध
- कहने दो उन्हें जो यह कहते हैं / गजानन माधव मुक्तिबोध
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- घोर धनुर्धर, बाण तुम्हारा सब प्राणों को पार करेगा / गजानन माधव मुक्तिबोध
- चाहिए मुझे मेरा असंग बबूल पन / गजानन माधव मुक्तिबोध
- जब दुपहरी ज़िन्दगी पर... / गजानन माधव मुक्तिबोध
- दिमाग़ी गुहान्धकार का ओरांग उटांग / गजानन माधव मुक्तिबोध
- नाश देवता / गजानन माधव मुक्तिबोध
- वे बातें लौट न आएँगी / गजानन माधव मुक्तिबोध
- पता नहीं... / गजानन माधव मुक्तिबोध
- पूंजीवादी समाज के प्रति / गजानन माधव मुक्तिबोध
- ब्रह्मराक्षस / गजानन माधव मुक्तिबोध
- बहुत दिनों से / गजानन माधव मुक्तिबोध
- बेचैन चील / गजानन माधव मुक्तिबोध
- भूल-ग़लती / गजानन माधव मुक्तिबोध
- मुझे कदम-कदम पर / गजानन माधव मुक्तिबोध
- मुझे पुकारती हुई पुकार / गजानन माधव मुक्तिबोध
- मेरा असंग बबूलपन / गजानन माधव मुक्तिबोध
- मेरे जीवन की / गजानन माधव मुक्तिबोध
- मैं उनका ही होता / गजानन माधव मुक्तिबोध
- मैं तुम लोगों से दूर हूँ / गजानन माधव मुक्तिबोध
- मृत्यु और कवि / गजानन माधव मुक्तिबोध
- रात, चलते हैं अकेले ही सितारे / गजानन माधव मुक्तिबोध
- लकड़ी का रावण / गजानन माधव मुक्तिबोध
- विचार आते हैं / गजानन माधव मुक्तिबोध
- सहर्ष स्वीकारा है / गजानन माधव मुक्तिबोध