भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तेज़ हवा में / आन्ना अख़्मातवा
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:26, 3 नवम्बर 2023 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आन्ना अख़्मातवा |अनुवादक=अनिल जन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
और इस बहती तेज़ हवा में,
उड़ी भावना,
उड़े विचार,
चिरजीवी कला भी उड़ गई
उड़ गया
इस जीवन का सार !
1943. ताशकन्द
मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय
—
लीजिए, अब यही कविता मूल रूसी में पढ़िए
Анна Ахматова
И на этом сквозняке
… И на этом сквозняке
Исчезают мысли, чувства…
Даже вечное искусство
Нынче как-то налегке!
1943. Ташкент