भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

राग / तुलसी रमण

Kavita Kosh से
प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:24, 20 फ़रवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तुलसी रमण |संग्रह=पृथ्वी की आँच / तुलसी रमण }} <Poem> न...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


नदी से दौड़ना
       सीख़ता मृगछौना

आकाश के आमंत्रण पर
निरंतार ऊँचा
उठना चाहता देवदार

बर्फ़ के साथा-साथ
जमाता और पिघलाता पहाड़

फूली के रंग
रचा लेती तितली
अपने पँखों में

ग्वाले का गीत दोहराता
सामने का विकराल ढाँक

शंख की तरह बजता
मंदिर के आँगन का
             श्वान
दुनिया के राग में रोता
           नवजात शिशु
ईश्वर के समक्ष
एक साथ कराहती
           प्रेम करती
उसकी ओर अग्रसर
मुक्ति की कामना में
                  सृष्टि
मई 1989