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पंचभूत / काका हाथरसी

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लेखक: काका हाथरसी

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भाँड़, भतीजा, भानजा, भौजाई, भूपाल

पंचभूत की छूत से, बच व्यापार सम्हाल

बच व्यापार सम्हाल, बड़े नाज़ुक ये नाते

इनको दिया उधार, समझ ले बट्टे खाते

‘काका ' परम प्रबल है इनकी पाचन शक्ती

जब माँगोगे, तभी झाड़ने लगें दुलत्ती