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गाती हुई हाथों में ये सिंगर की मशीन / जाँ निसार अख़्तर
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गाती हुई हाथों में ये सिंगर की मशीन
क़तरों से पसीने के शराबोर जबीन
मसरूफ़ किसी काम में देखूँ जो तुझे
तू और भी मुझको नज़र आती है हसीन