भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
विदेह / भूपेन हजारिका
Kavita Kosh से
|
अदृश्य आंधी
क्षण के पश्चात् क्षण
वायु का संतरण
प्रेयसी
तुम क्या हो ?
|
अदृश्य आंधी
क्षण के पश्चात् क्षण
वायु का संतरण
प्रेयसी
तुम क्या हो ?