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वर्ग-विभाजन / अशोक चक्रधर

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दुनिया में
लोग होते हैं
दो तरहा के-

पहले वे
जो जीवन जीते हैं
पसीन बहा के !

दूसरे वे
जो पहले वालों का
बेचते हैं-
रूमाल,
शीतल पेय,
पंखे
और....
ठहाके।