भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

फूल-से दिन / केदारनाथ अग्रवाल

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:48, 23 मई 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} रचनाकार: केदारनाथ अग्रवाल Category:कविताएँ Category:केदारनाथ अग्रवाल ~*~*~...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रचनाकार: केदारनाथ अग्रवाल

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~

गेंदे के फूल-से

फूले हैं दिन,

आओ तुम आओ तो

गुलाब भी खिलें,

बाहों से बाहों में एक हो मिलें,

मिलने के फूल-से

फूले हैं दिन ।


('पंख और पतवार' नामक कविता-संग्रह से)