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अमीरी / विनोद स्वामी
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छात माथै
चढण सारू
पैड़ी बणवावणी कै लगावणी
कोई अमीरी कोनी
पण चूल्है माथै पग मेल'र
हारड़ी पर
हारड़ी सूं लंफ'र
रसोवड़ी पर
अर रसोवड़ी सूं मंडेरी पर टांग घाल'र
बरसां तक छात माथै चढणो ई
गरीबी में कोनी गिणीजै।