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सच / नरेश अग्रवाल

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जो सच था, वो कभी दिखाई नहीं दिया
वह इतना कड़वा था
किसी ने उसे देखने की
जरूरत भी नहीं समझी
सच छुपा रहा
आदमी बचा रहा
लेकिन सच तो सामने ही था
आदमी की आँखें बन्द थीं।