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हाइकु-3 / रमा द्विवेदी

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१-आधुनिकता

नीलामी संबंधों की

खुली दुकान।


२-बुरा करम

खुशहाल जीवन

मन का भ्रम ।


३-सुन्दर तन

कनक घट विष

मलिन मन ।


४-स्वारथ वश

मुखौटा याराना का

कटु सच्चाई ।


५-कविता पढ़ी

कछु पल्ले न पड़ी

जनता हंसी ।


६-शादी रचा ली

माडर्न समझौता

खतरे भरी ।


७-कैसी बेढंग

ज़िन्दगी की कहानी

मृत्यु रंगीन ।


८-जीवन दुखी

मनाते हैं जश्न

मृत्यु पर्यन्त ।


९-कुंडली मिली

शहनाई की गूंज

करम जली ।


१०-उघड़ा तन

आधुनिक फ़ैशन

यश की सीढ़ी ।


११-बेढ़ंगी बात

बेवजह की हंसी

अजीब बात ।