भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सुबह-सुबह / सत्यनारायण सोनी

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:50, 26 अक्टूबर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सत्यनारायण सोनी |संग्रह=कवि होने...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 
ओस नहाई
मुंडेर
सूरज से
पहली मुलाकात कर
मुस्काई।

साफ-साफ
दिखने लगा
मिल की चिमनी से
निकलता धुआं।
धुंधला गए
दूरसंचार कम्पनियों के
टॉवर।
सड़क रोने लगी
सुबह-सुबह।

1995