भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पटाईलोजी / रूपसिंह राजपुरी
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:28, 18 अक्टूबर 2013 का अवतरण
रमकूड़ी जवान बणगी,
बाल कर'र डाई।
बोबी कट स्टाइल राखै,
घरै आवै नाई।
पटाईलोजी करैं छोरा।
मानै कोनी चेड़ भोरा।
भाभी बीनै कैण लागग्या,
जका कैंता ताई।