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प्रीत-15 / विनोद स्वामी

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जिंयां-जियां तूं जादा चांवती
पाणी रा घड़ा ल्यांवती,
घडि़यो
भरतो-रीततो
आ ई बात बतांवतो
पाणी नै रोज।