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अरे बच्चे / कुमार रवींद्र
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अरे बच्चे !
इधर आओ
रौशनी के रंग कितने - ज़रा देखो
उधर पर्वत के सिरे पर
सात रंग का पुल बना है
ठीक सिर पर
मेघ के रंग का चँदोवा भी तना है
लाल-पीली
पत्तियों के पार
कैसा सिन्धु उमड़ा हरा, देखो
रंग भूरा और काला
इस खड़ी चट्टान का है
शोख रँग गहरा वसंती
इस हमारे गान का है
यह तुम्हारी
आँख में है
रँग गहरा आसमानी खरा, देखो
दूर तक पगडंडियों पर
धूप कैसी है सुनहरी
साँवला है रंग लड़के का
बजाता जो पिपहरी
और ऊपर
चाँद का टुकड़ा
रुपहली चाँदनी से भरा, देखो