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ईसुरी की फाग-14 / बुन्देली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

इन पै लगे कुलरियाँ घालन, भैया मानस पालन

इन्हें काटबो न चइयत तौ, काट देत जो कालन

ऎसे रूख भूँख के लानें, लगवा दये नंद लालन

जे कर देत नई सी ईसुर, मरी मराई खालन ।