भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

उजागर / लाल्टू

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:42, 28 मई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लाल्टू |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poe...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जिसको नंगा कर पीटा गया
उसकी तस्वीर पर्दे पर है
जब वह मार खा रहा था उसका शिश्न खड़ा था

वह बच गया उसका शिश्न बच गया

छिपाने लायक कुछ रह ही गया
अन्यथा हर तरह से उजागर आदमी के पास।