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दम्भ / विचिस्लाव कुप्रियानफ़
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हर रात मृतक
उठ खड़ा होता है कब्र से
और छू कर देखता है कब्र का पत्थर
कहीं किसी ने
मिटा तो नहीं दिया
पत्थर पर से उसका नाम