भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मज़मा / अरविन्द कुमार खेड़े

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:03, 14 जुलाई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अरविन्द कुमार खेड़े |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

फिर से
मज़मा लगाना
मैंने
मुनासिब नहीं समझा
इसलिए मैंने
अपने
नफ़े-नुकसान की
परवाह नहीं की।