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पैसा / अमरेन्द्र
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पैसो फुदकै फुदुर-फुदुर
खरची में जाय खुदुर खुदुर
टन-टन बोलै बाबा रं
खपड़ी पर जों लाबां रं
चार चौवन्नी-टाका एक
ढेर भीखनपुर, बांका एक।