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टुनमा रोॅ अंगदेस / अमरेन्द्र

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अंग देस रोॅ टुनमा वासी
जेकरोॅ वास्तें अंगे काशी
वीर कर्ण रोॅ देस यही
टुनमा उछलै कही-कही
एकरोॅ नदी ले मन में खोसी
चानन, गंगा, आरो कोसी
जानबे तोहें देर-सबेर
अंग देश रोॅ महिमा ढेर
मौसा-मौसी सबनें कहै
ऋषि श्रृंगी यहीं रहै
पूज्य वासूओ केॅ नै भूल
झुलवा पर तोहें कत्तोॅ झूल
विक्रमशील हौ विद्यापीठ
अभियो गिरी खड़ा छै ढीठ
पढ़ी-लिखी केॅ आपनोॅ ज्ञान
मंदारे रं उच्चोॅ तान
चनदनवाला, बिहुला माय
सब बुतरु पर हुवेॅ सहाय
टुनमा खाय केॅ एक अनरसा
घूमी ऐलै सौंसे सहरसा
भागलपुर सेॅ मधेपुरा
दिखलै कोय नै एक बुरा
ई खुल्लै तभिये जाय पोल
तुरत पहुँचलै जबेॅ सुपोल
साहेबगंज में साहब पाँच
बदमासोॅ रोॅ करै छै जाँच
देवघर, दुमका, गोड्डा तीन
घुमतेॅ-घुमतेॅ ऐलै नीन
बेगूसराय ठहरलै जाय
एक पुलिस सें धक्का खाय
लेलकै कटिहारोॅ में होश
फेनू चली केॅ छोॅ-छोॅ कोस
आय पूर्णिया ऐलोॅ छै
मछली खाय मुटैलोॅ छै
किसनगंज में लागलेॅ लू
ऐलै अररिया भरलोॅ मू
भले खगड़िया परसू जाय
बाँके में ऊ रहतै आय
कल जैतै मुंगेर किला
आरो जमुई नया जिला
अंग देश रोॅ यही भुगोल